श्री श्री 108 महन्त श्री नरेन्द्र जी महाराज के द्वारा श्री बिहारी जी महाराज के लिए नवनिर्मित रजत महल बनाकर उसमें,आराध्य देव श्री ठाकुर जी श्री बिहारी जी को गंगा दशमी संवत् 2081, दिनांक 16 जून 2024 को अभिजीत मुहूर्त में,विराजमान करवाया गया। भगवान के रजत महल में विराजमान छवि से ईश्वरीय एवं धार्मिक भावना जागृत करने के,लिए दर्शणार्थियों द्वारा दर्शनमात्र से पूर्णमनोरथ प्राप्ति होती है।,श्री श्री 108 महन्त श्री नरेन्द्र जी महाराज के द्वारा समय-समय पर मन्दिर एवं आश्रम में विकास कार्य चलता रहता है।
दिनांक 21 जून 2004 को महादेव जी की प्रतिमा पर रजत अनावरन महाराज श्री एवं परिवार के द्वारा अर्पित किया गया
श्री श्री 108 महन्त श्री नरेन्द्र जी महाराज के पूजनीय गुरुदेव एवं पिता स्व. श्री महन्त श्री छिगन लाल जी महाराज, एक सम्माननीय और आदरणीय व्यक्तित्व के धनी थे । इनका जन्म सन् 1913 में ब्राह्मण परिवार में हुआ था । उन्होनें योग्यता, ध्यान और सेवा के महत्व को समझा और अपने जीवन धर्म की सेवा में समर्पित किया । जब छिगनलाल जी महाराज रुद्र पाठ करते थे, तो वातावरण में एक अद्वितीय शांति और सौहार्द का माहौल बन जाता था । उनके पाठ के समय, आसमान में एक अनूठी शांति का अनुभव होता था और कभी-कभी तो वर्षा भी होने लगती थी, जो उनके विशेष आध्यात्मिक प्रभाव को दर्शाता था । स्व. महन्त श्री छिगन लाल जी महाराज अपने जीवन के लगभग 40 वर्ष राजकीय सेवा में कार्यरत रहते हुये धार्मिक अनुष्ठान करते । उनके द्वारा पंचम स्वर में रुद्र पाठ करने का अंदाज इतना मनोरम था कि उनकी उपस्थिति सभी वर्ग के भक्तों को अपनी और आकर्षित करता था । सन् 2000 में 87 वर्ष की उम्र में इनका स्वर्गवास हुआ।
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