इस पवित्र मन्दिर की स्थापना लगभग 200 वर्ष पूर्व महन्त श्री सेडूराम जी महाराज के द्वारा की गई थी । महन्त श्री सेडूराम जी महाराज ने पवित्र संतो के दिव्य परिवार में जन्म लिया था । इस परिवार में असंख्य दिव्य आत्माओं ने जन्म लिया जो संस्कृत भाषा, यज्ञ-अनुष्ठान इत्यादि में विशेष ज्ञान रखते थे। इन्होंने अपना पूरा जीवन प्रभु के चरणों में अर्पित कर दिया था। इनके द्वारा अनेक यज्ञ, अनुष्ठान किये गये थे। श्री बिहारी जा का मन्दिर नारियल वाले हनुमान जी का मंदिर एक पवित्र स्थल है, जो आध्यात्मिकता और सेवा का प्रतीक माना जाता है। यह पवित्र स्थल भक्तों के लिए आस्था एवं विश्वास का आधार स्तम्भ है। यहाँ पर भारत के अन्य स्थानों से ही नहीं अपितु विश्व के अनेक भागों से भक्त अपनी आस्था के साथ दर्शनार्थ पधारते हैं।
भारत भूमि संतों की महान भूमि रही है। इसमें ऐसे कई संतों, ऋषियों और गुरुओं का जन्म हुआ है जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन दूसरों के भक्ति तथा मोक्ष का मार्ग दिखाने में समर्पित किया है। ऐसे ही महान गुरुओं में एक नाम है श्रीश्री 108 महन्त श्री नरेन्द्र जी महाराज, (216) श्री बिहारी जी मन्दिर, नारियल वाले हनुमान जी मंदिर के प्रमुख महन्त है। महाराजश्री का जन्म 2 मई 1956 को हुआ। महाराजश्री ने अपनी पूर्ण जीवन को मानवता की सेवा के लिए समर्पित की है। महाराज श्री ने एम.कॉम तक शिक्षा ग्रहण की है।
महाराज श्री के दो सुपुत्र प्रवीण महाराज एवं सचिन महाराज हुए। महाराज श्री का नेतृत्व असाधारण है, जिससे हर व्यक्ति प्रभावित होता है। महाराजश्री की दूरदर्शिता और ज्ञान से मन्दिरएक धार्मिक स्थल नहीं रहा बल्कि एक ऐसा स्थान बन गया है जहाँ भक्त आस्था के साथ-साथ जीवन के कठिन सवालोंके जवाब भी पाते हैं। महन्त श्री सेडूराम जी द्वारा स्थापित इस पवित्र स्थान को महन्त श्री श्री 108 श्री नरेन्द्र जी महाराज के कठिन तप एवंसेवा भाव से आज और भी विख्यात कर दिया है। महाराज श्री द्वारा नर सेवा-नारायण सेवा भावना को सार्थक कर दिखाया। जिससे मन्दिर में प्रतिदिन सैंकड़ों दर्शनार्थी दर्शनार्थ आते हैं। भक्त यहाँ आकर मानसिक एवं आध्यात्मिक शान्ति प्राप्त करते हैं।
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